नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप कांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीईआई) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ 11 जून 2017 को कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गुरुवार को आरोपपत्र दाखिल किया। घटना के समय लड़की नाबालिग थी। यह मामला भाजपा से निष्कासित कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा 4 जून, 2017 को पीड़िता के साथ कथित दुष्कर्म किए जाने की घटना से अलग है। सामूहिक बलात्कार के मामले में जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया।

चार्जशीट के मुताबिक, 11 जून, 2017 को महिला के साथ तीन लोगों ने बलात्कार किया था, जब वह नाबालिग थी। सीबीआई ने आरोपपत्र में नरेश तिवारी, ब्रजेश यादव सिंह और शुभम सिंह के नाम आरोपियों के तौर पर दर्ज किए हैं। तीनों जमानत पर हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी हैं। आरोपपत्र के अनुसार तीनों ने 4 जून की घटना के एक सप्ताह बाद लड़की का कथित तौर पर अपहरण किया और उसके साथ चलती गाड़ी में सामूहिक दुष्कर्म किया। इस मामले में तीस हजारी कोर्ट 10 अक्टूबर तो मामले की सुनवाई करेगी।

अदालत ने मामले को 10 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया। इससे पहले जांच एजेंसी ने अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने तथा अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान देने वाले गवाहों की सूची जमा करने के लिए समय मांगा था। शुभम सिंह की मां शशि सिंह कथित तौर पर पीड़िता को बहलाकर चार जून को विधायक के आवास पर ले गई थी। बता दें कि ये तीनों अभी जमानत पर बाहर हैं। वहीं इस मामले के मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर अभी जेल में बंद है।

बता दें कि उन्नाव के बांगरमऊ विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए कुलदीप सेंगर पर साल 2017 में नाबालिग लड़की ने रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि विधायक के साथ उसके सहयोगियों ने भी रेप किया था।

फिलहाल, कुलदीप सेंगर जेल में हैं, मुकदमे की प्रतीक्षा है। महिला, जो एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी (जिसकी भी जाँच चल रही है)। इस साल की शुरुआत में उसने अपनी जान पर खतरा बताया था।