नई दिल्ली: सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के कर्मचारियों को एक बार फिर वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने की वजह से कर्मचारियों के सामने फिर से संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में इन दोनों कंपनियों के कर्मचारियों ने धमकी दी है कि अगर उन्हें वेतन नहीं दिया गया तो वे दिवाली के बाद पूरे देश में हड़ताल करेंगे।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों पब्लिक सैक्टर दूरसंचार कंपनियों के यूनियन नेताओं ने कहा कि उन्हें अगस्त और सितंबर का वेतन अबतक नहीं मिला है। एमटीएनएल यूनियनों और संघ के संयोजक धर्मराज सिंह के हवाले से अखबार ने लिखा “क्या दिवाली से पहले ऐसा करना ठीक है? अगर जल्द ही हमारे मसले हल नहीं हुए तो हम बेकार नहीं बैठेंगे। हम इसका विरोध करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक जाएंगे।”

बीएसएनएल यूनियन के नेता के. सेबेस्टियन ने पुष्टि की है कि वे एमटीएनएल के साथ मिलकर हड़ताल करेंगे और कहा कि वे कंपनियों के पुनरुद्धार के बारे में सरकार की क्या योजनाओं है इसे भी समझना चाहते हैं। रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दूरसंचार मंत्रालय एक योजना पर काम कर रहा था, जिस पर पीएमओ के साथ चर्चा हो रही है।

वेतन के भुगतान के अलावा, एमटीएनएल कर्मचारी यह भी मांग कर रहे हैं कि सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 50 वर्ष तक नहीं बदली जानी चाहिए। वे एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय का भी विरोध कर रहे हैं। बता दें वित्त मंत्रालय ने दोनों कंपनियों को बंद करने की सलाह भी दी है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने कहा कि इन दोनों सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को बंद करने से सरकार को तकरीबन 95,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इस पैकेज में रिटायरमेंट होने वाली उम्र को 60 साल से घटाकर 58 साल करने के लिए कहा गया था।

इसके अलावा BSNL के 1.65 लाख कर्मचारियों को आकर्षक VRS पैकेज देने के लिए भी कहा गया था। अखबार के मुताबिक सरकार ने हाल ही में BSNL और MTNL के 74,000 करोड़ रुपये बेलआउट पैकेज को ठुकरा दिया था।