इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने विपक्ष की ओर से त्यागपत्र देने की मांग को रद्द कर दिया है। इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए इमरान ख़ान का कहना था कि त्यागपत्र देने का सवाल ही पैदा नहीं होता और मैं देश को इस प्रकार छोड़ कर नहीं जाऊंगा और समस्याओं से निकाल कर दिखाऊंगा।

इमरान ख़ान ने कहा कि जमीअते ओलमाए इस्लाम (एफ़) के प्रमुख मौलाना फ़ज़लुर्रहमान का विशेष एजेन्डा है। उन्होंने कहा कि भारत पहले मौलाना लोगों के विरुद्ध था और आज धरने पर ख़ुशियां मना रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष की ओर से वार्ता के हवाले से गंभीरता दिखाई गयी तो हम भी बातचीत के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह बयान एक ऐसे समय पर दिया गया है कि जब बुधवार को केन्द्र सरकार ने जेयूआई (एफ़) को इस्लामाबाद में "आज़ादी मार्च" आयोजित करने की सशर्त अनुमति देने का फ़ैसला किया था।

इमरान ख़ान का कहना था कि मुस्लिम लीग (एन) और पिपल्ज़ पार्टी को केवल एनआरओ चाहिए लेकिन मौलाना साहब का मामला क्या है यह समझ में नहीं आ रहा। उनका कहना था कि विपक्ष की हर पार्टी अलग बात कर रही है, नहीं मालूम उनका एजेन्डा क्या है। उनका कहना था कि विरोध का हक़ सबको हासिल है किन्तु विरोध क़ानून के दायरे में होना चाहिए।

ज्ञात रहे कि जमीअते ओलमाए इस्लाम (एफ़) ने जून में यह घोषणा की थी कि उनकी पार्टी अक्तूबर में इस्लामाबाद में सरकार विरोधी लांग मार्च करेगी।