नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार और 6 एयरपोर्ट के निजीकरण पर विचार कर रही है। दूसरे चरण में जिन 6 एयरपोर्ट के निजीकरण पर विचार हो रहा है, उसमें भुवनेश्वर, वाराणसी, इंदौर, त्रिची, अमृतसर और रायपुर हैं। नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार संभव है कि सभी एयरपोर्ट अडाणी ग्रुप को मिल जाएं।

अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अडाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने वित्त मंत्रालय से मिले सुझाव को किनारे कर दिया।

वित्त मंत्रालय ने सिफारिश की थी कि किसी भी कंपनी या कॉरपोरेट हाउस को दो एयरपोर्ट से ज्यादा नहीं दिये जाएं। हालांकि, अखबार की रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार अडाणी ग्रुप को 'निविदा' जीतने देने के लिए इस सुझाव दरकिनार करने की योजना बना रही है।

सूत्रों के अनुसार इस संबंध में ड्राफ्ट नोट संबंधित मंत्रियों को पहले ही भेजा जा चुका है। माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में कैबिनेट से इसे मंजूरी भी मिल जाएगी। साथ ही जनवरी-2020 तक ये प्रस्ताव पूरा हो जाएगा।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने अब तक 20 से 25 एयरपोर्ट की पहचान की है जिसके निजीकरण का सरकार विचार कर रही है और अभी जिनकी देखरेख एएआई द्वारा की जाती है बहरहाल, अगर अडाणी ग्रुप को 6 एयरपोर्ट की कमान मिल जाता है तो वह भारत में एयरपोर्ट के प्रबंधन और संचालन वाली सबसे बड़ा ग्रुप हो जाएगा।

इसी साल फरवरी में निविदा प्रक्रिया से छह एयरपोर्ट- अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर को अडाणी ग्रुप को दिया गया था। इन सभी को लीज के आधार पर 50 साल के लिए अडाणी ग्रुप को दिये गये हैं।