वाशिंगटन अमरीकी युद्ध मंत्रालय ने एक वीडियो जारी करके दावा किया है कि यह बग़दादी के मारे जाने के अभियान का वीडियो है। वीडियो में दिखाया गया है कि बग़दादी के ठिकाने पर ज़बरदस्त बमबारी हो रही है जबकि इससे पहले यह दावा किया गया था कि छोटी सी झड़प के बाद बग़दादी अपने ठिकाने पर घिर गया और उसके पास भागने का मौक़ा नहीं था। इस वीडियो और अमरीका द्वारा किए गये दावे में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है।

सन 2014 में इराक़ के मूसिल प्रांत पर isis का क़ब्ज़ा होने के साथ ही उसकी पाश्विकता भी शुरू हो गई। दुनिया के सबसे ख़तरनाक आतंकी संगठनों में से एक आईएसआईएस के सरग़ना अबू बक्र अलबग़दादी के मारे जाने की ख़बर सुनते ही इराक़, सीरिया, यमन और अन्य देशों में उसके जघन्य अपराधों की याद ताज़ा हो जाती है।

पांच साल से अलबग़दादी का कोई चित्र सामने नहीं आया था और मीडिया ने कई बार उसके सीरिया या इराक़ में मारे जाने की ख़बरें दी थीं। 29 अप्रैल को दाइश के स्वयंभू ख़लीफ़ा ने 18 मिनट की एक वीडियो क्लिप जारी की जिसके बाद उसका नाम फिर ज़बानों पर आ गया था।

टीकाकारों का कहना है कि ट्रम्प एक माहिर झूठे हैं। उनके अधिकतर बयानों और ट्वीट्स में झूठ की भरमार होती है। हो सकता है कि उन्होंने जिस तरह बिन लादेन के बेटे हमज़ा के मारे जाने की घोषणा कर दी और कोई साक्ष्य नहीं दिया उसी तरह यह ड्रामा भी किया हो ताकि सीरिया में अमरीका को मिलने वाली नाकामियों पर पर्दा पड़ जाए और वह चैंपियन बनकर उभरें और अमरीका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लें।