लखनऊ: दिल्ली-एनसीआर में जहां लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है वहीं वायु प्रदूषण का असर अब आसपास के राज्यों में भी दिखाई देने लगा है। दिल्ली के बाद यूपी में भी वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। स्थिति यह है कि राजधानी लखनऊ के अलावा बुलंदशहर, हापुड़, ग्रेटर नोएडा, बागपत, नोएडा, कानपुर और मेरठ में वायु गुणवत्ता दिल्ली के मुकाबले अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से शनिवार शाम चार बजे गत 24 घंटे के आधार पर जारी बुलेटिन के मुताबिक देश के 13 ऐसे शहर हैं जहां की औसत वायु गुणवत्ता 400 के पार है जो ‘ गंभीर’ श्रेणी में आता है। इन शहरों में सबसे अधिक सात शहर उत्तर प्रदेश के, पांच हरियाणा के और एक बिहार का है। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अधिक 453 दर्ज किया गया।

बुलंदशहर में 446, हापुड़ में 444, ग्रेटर नोएडा में 438, बागपत में 435, नोएडा में 432, लखनऊ में 422, कानपुर में 379, मेरठ में 371 और वाराणसी में 328 औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदूषण से निपटने के लिए अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार कृषि विभाग को पराली जलाने पर रोक लगाने और किसानों को जागरूक करने संबंधी कार्यक्रमों को तैयार करने का निर्देश दिया गया।

इससे पहले दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में शुकवार को इस मौसम में सबसे खराब वायु गुणवत्ता रही जिसकी वजह से प्रशासन को जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी लेकिन शनिवार को हवा की गति बढ़ने से वायु गुणवत्ता सूचकांक में आंशिक सुधार देखा गया। सीपीसीबी बुलेटिन के मुताबिक 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 400 के बीच रहा जो ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है। इनमें 11 शहर हरियाणा और तीन उत्तर प्रदेश के हैं।