तौक़ीर सिद्दीक़ी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों की गाढ़ी कमाई का ज्यादातर हिस्सा डिफाल्टर कंपनी डीएचएफएल में निवेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार में श्रीकान्त शर्मा के ऊर्जा मंत्री रहते हुए हुआ है। ऊर्जा मंत्री अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए बात को दूसरी दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में योगी सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है|

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने आज एक बार फिर बिजली विभाग के कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा एवं उ0प्र0 सरकार पहले पूछे गए सवालों को दोहराया|

कांग्रेस ने सरकार पूछा है कि इतने बड़े निवेश के लिए कौन सी टेण्डर प्रक्रिया अपनायी गयी, टेण्डर के प्रपोजल मांगने की शर्तें क्या थीं? सभी प्रस्ताव देने वाली कम्पनियों के आफर क्या थे? प्राॅविडेंट फंड निवेश की गाइड लाइन्स के नियमों का पालन किया गया या नहीं ?सरकार उन कम्पनियेां की सूची जारी करे जहाँ पर विभिन्न विभागों के पैसे का निवेश किया गया है? सरकार 2017-19 की इन्वेस्टमेंट कमेटी की सभी बैठकों की मिनट्स एवं कार्यवृत्त सार्वजनिक करे, जिससे बैठकों में हिस्सा लेने और सहमति देने वाले अधिकारियों के नाम सामने आ सकें। प्राॅविडेंट फंड निवेश को लेकर सीवीसी गाइड लाइन्स एवं वित्त विभाग की गाइड लाइन्स का अनुपालन हुआ या नहीं? क्या निवेश बगैर वित्त विभाग के अनुमोदन के संभव है? क्या वित्त विभाग का परामर्श लिया गया? नई और पुरानी पेंशन की स्कीम का पैसा किन-किन कम्पनियों में इन्वेस्ट किया गया है?