अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

लखनऊ: अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ह्यूमन राइट्स मानिटरिंग और वादा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में मानव अधिकार को लेकर जागरूकता कार्यक्रम, मानव श्रृंखला एवं रैली का आयोजन तेलीबाग लखनऊ में किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था के निदेशक एवं एक साथ अभियान के प्रभारी अमित ने मानव अधिकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे संविधान में गरिमा की सुरक्षा का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मजदूरों के अधिकार, भूमि का अधिकार, वस्त्र का अधिकार, भोजन एवं दवा के अधिकार और पुलिस उत्पीड़न से बचाव की जानकारी दिया और सभी को मुफ्त विधिक सहायता के बारे विस्तार से जानकारी दिया।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित समुदाय को यह भी बताया कि मानवाधिकार यह सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को भोजन मिले, इन सभी अधिकारों में मानव के भोजन के अधिकार को प्रमुखता से रखा गया है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में अब भी 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को भूखे पेट सोना पड़ता है। वैश्विक सूचकांक में भारत 100 वें पायदान पर है। जिसके कारण हर साल कुपोषण से हज़ारों बच्चों की जान चली जाती है। क्या इनके मानवधिकारों की कभी कोई बात होगी ? हम सरकार से अपील करते है की देश में संविधान के अनुसार बिना भेदभाव के सभी को समान अधिकार एवं समान अवसर मिलें।

एचआरएमएफ के सदस्य सुरेश भारती ने कहा कि मानव अधिकारों को पहचान देने, मानवाधिकारों को अस्तित्व में लाने तथा मानवाधिकारों के लिए जारी हर लड़ाई को ताकत देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

उन्‍होंने कहा कि दुनियाभर में मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्मों-सितम को रोकने तथा उसके खिलाफ संघर्ष को नई परवाज देने में इस दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज पूरे विश्व में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। इसका प्रमुख कारण मानव अधिकारों के प्रति अनभिज्ञ होना है। सरकार को चाहिए कि मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता अभियान चलाएं।

फोरम के सदस्य ओमप्रकाश ने कहा कि संसार का कोई भी धर्म किसी बेगुनाह इंसान को मारने या परेशान करने की इजाजत नहीं देता है लेकिन कुछ लोग आज अपना स्वार्थ साधने के लिए धर्म और जाति का सहारा लेकर खुलेआम लोगों के अधिकारों का कत्ल कर रहे हैं और इंसान से उसके जीने का अधिकार छीन रहे है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में वंचित तबकों के ऊपर हो रहे सुनियोजित हमले इन समाजों के अधिकारों का सीधे सीधे अधिग्रहण करना है। आज यह जरूरी है वंचित तबके एकजुट होकर अपने हकों के लिए संघर्ष करें।

फोरम की यूथ विंग की अध्यक्ष पूजा ने महिलाओं को सशक्त करने को महिला शिक्षा की यथार्थ रूप में गुणवत्ता और अधिकारों की जानकारी दी।