लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महोत्सव हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग है। इनसे पारस्परिक सौहार्द एवं सामाजिक समरसता सुदृढ़ होती है। ऐसे आयोजनों से लोक कलाओं एवं संस्कृति को बढ़ावा मिलने के साथ ही भाईचारे की भावना मजबूत होती है।

मुख्यमंत्री आज जनपद गोरखपुर में गोरखपुर महोत्सव-2020 के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ‘मंथन’ तथा महोत्सव की स्मारिका का विमोचन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने महोत्सव/मेला परिसर में लगे स्टाॅल एवं प्रदर्शनी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर महोत्सव के माध्यम से जनमानस को जनपद के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत के साथ ही विकास सम्बन्धी गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध होगी। ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए हुए यह जनपद विकास की ओर निरन्तर अग्रसर है। महोत्सव के माध्यम से लोक कला को एक मंच मिला है तथा परम्परागत उद्यम को आगे बढ़ाने के साथ अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जो काफी जनोपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि महोत्सव मेले के साथ व्यापार मेले का भी आयोजन किया जाए, जो रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करेगा। जनपद के विकास में गोरखपुर महोत्सव नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर के विकास हेतु अनेक परियोजनाएं संचालित की गयी है, उसका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित हो, ताकि शासकीय योजना का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति को मिले। उन्होंने कहा कि स्वच्छता में यह जनपद प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं प्रदेश का विकास हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है तथा हम सबको इस अभियान का हिस्सा बनना होगा।

इस अवसर पर नगर विधायक डाॅ0 राधामोहन दास अग्रवाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि जनपद विकास के पथ पर अग्रसर है। सरकार द्वारा अनेक विकासपरक योजनाएं संचालित की गयी है, जिनका लाभ पात्र व्यक्तियों को मिल रहा है। उन्होंने महोत्सव की सफलता पर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए प्रशासन एवं अन्य सहयोगियों को बधाई दी।