नई दिल्ली: दुनिया के सबसे अमीर आदमी और अमेजन के CEOजेफ बेजोस भारत दौरे से अपने देश वापस लौट चुके हैं. इन तीन दिनों में बेजोस महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट गए. उन्होंने मुंबई में दिग्गज कारोबारियों और कई बड़े बॉलीवुड कलाकारों से भी मुलाकात की. जेफ बेजोस की भारत यात्रा में सबसे चौंकाने वाली जो बात रही वह यह थी कि उन्होंने इन तीन दिनों में मोदी सरकार के किसी भी मंत्री से मुलाकात नहीं की. सूत्रों की मानें तो अमेजन के CEO पीएम नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते थे लेकिन उनकी अपॉइन्टमेंट को तवज्जो नहीं दी गई. सूत्रों के अनुसार, सरकारी अधिकारियों ने इस बारे में कहा कि जेफ बेजोस से मिलना मोदी सरकार की मजबूरी नहीं माना जा सकता.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार इस मुलाकात के संभव नहीं होने के पीछे दुनिया की सबसे दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का विवादों में रहना है. कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया भारत में अमेजन और वॉलमार्ट की हिस्सेदारी वाली कंपनी फ्लिपकार्ट की जांच कर रहा है. इस जांच का मकसद कंपनी द्वारा दिया जा रहा भारी डिस्काउंट और एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट्स और खरीदारों को तरजीह दिए जाने से जुड़ा है. अमेजन कंपनी अमेरिका और यूरोप में भी इसी तरह की जांच का सामना कर रही है. वहीं इस मुलाकात के न होने के पीछे एक और वजह सामने आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी के बेजोस से न मिलने को अमेजन के स्वामित्व वाले अखबार 'वाशिंगटन पोस्ट' में सरकार विरोधी आर्टिकल्स से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

'वॉशिंगटन पोस्ट' में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर सरकार विरोधी लेख छपे थे. बीजेपी के कई नेताओं ने ट्विटर पर 'वॉशिंगटन पोस्ट' के इन लेखों की निंदा की थी. बताते चलें कि जेफ बेजोस ने अपने भारत दौरे पर यह भी ऐलान किया कि अमेजन देश में करीब 7 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसको लेकर कहा कि अमेजन देश पर कोई अहसान नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, 'अमेजन देश में एक अरब डॉलर निवेश कर सकती है लेकिन अगर कंपनी को एक अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है, तो वो उस एक अरब डॉलर का इंतजाम भी कर रहे होंगे. लिहाजा ऐसा नहीं है कि अमेजन एक अरब डॉलर का निवेश कर भारत पर कोई एहसान कर रहा है.'