नई दिल्ली: केरल सरकार ने अपने जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) प्रक्रिया नहीं की जाए। साथ ही केरल सरकार ने सरकारी निर्णय का पालन न करने पर अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

प्रमुख सचिव (सामान्य प्रशासन) केआर ज्योतिलाल ने गुरुवार को राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा, "जैसा कि आप जानते हैं, सरकार ने राज्य में एनपीआर परिचालनों से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है, जो कि जनगणना के पहले चरण-2021 के संचालन के साथ-साथ प्रस्तावित हैं। अब सरकार के ध्यान में आया है कि कुछ जनगणना अधिकारी। जनगणना के कार्यकलापों से जुड़े संचार को अन्य जनगणना के कार्यकताओं के साथ संचार करते हुए एनपीआर संचालन का भी उल्लेख कर रहे हैं। इसके अलावा, इसने जिला कलेक्टरों को व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसी गतिविधियों को दोहराया नहीं जाए।

प्रधान सचिव ने कहा, "इसलिए मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध कर रहा हूं कि भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां दोहराई नहीं जाए, अन्यथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।"

केरल सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि जनगणना, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर चर्चा करने के लिए राज्य के मुख्य सचिवों और जनगणना के निदेशक, गृह मंत्रालय द्वारा बुलायी गयी बैठक में भाग लेंगे और सुझाव और प्रशिक्षण और नियुक्ति प्रक्रिया की मांग करेंगे। गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों और जनगणना निदेशकों की बैठक आज दिल्ली के अंबेडकर भवन में होगी। इसकी अध्यक्षता एमओएस होम नित्यानंद राय और केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला करेंगे। बैठक में अगली जनगणना और एनपीआर पर चर्चा होगी।

केरल, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। वे एनपीआर को भी एनआरसी का ही रूप मान रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नए नागरिकता कानून (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का लगातार विरोध कर रहीं हैं। वो इस बात को पहले ही कह चुकी हैं कि उनका कोई भी प्रतिनिधि होने वाली बैठक में हिसा नहीं लेगा। सीएम ममता के अलावा भी कुछ राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि वे एनपीआर प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे।