IILM लखनऊ में ‘‘प्राथमिक बाजार के मुद्दों में हाल के रूझान’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

गोमती नगर स्थित आई.आई.एल.एम. एकेडमी में ‘‘प्राथमिक बाजार के मुद्दों में हाल के रूझान’’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन सेबी, अवोक इंडिया फाउण्डेशन एवं लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएशन के सहयोग से किया गया। संगोष्ठी का आयोजन प्राथमिक बाज़ार मे हाल के रूझानों के बारे में उचित शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से निवेशकों और छात्रों को सशक्त बनाना था।

अपने सम्बोधन में डा. नायला रूश्दी ने कहा कि आई.आई.एल.एम., लखनऊ छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिये निरंतर प्रयासरत है और यह हमेशा सभी स्टेक होल्डर्स को सर्वोत्तम शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने का प्रयास करता है।

आई.आई.एम., लखनऊ के पूर्व डीन एवं डायरेक्टर-इन-चार्ज प्रोफेसर सुब्रत चक्रवर्ती ने सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला की थीम से परिचित कराया और भारत में पूंजी बाजार की स्थिति पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय पूंजी बाजार परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और दक्षता बढ़ रही है। पूूंजी बाजार में नए अवसर हैं। उन्होंने ब्लाॅक चेन टेक्नोलाॅजी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता सेबी के कार्यकारी निदेशक, अमरजीत सिंह ने प्रतिभागियों को प्राथमिक एवं माध्यमिक बाजारों के हालिया रूझानों से अवगत कराया। उन्होंने मूल्यवान आंकड़ों की मद्द से प्रतिभागियों के समक्ष वैश्विक आर्थिक रूझान प्रस्तुत किए। उन्होंने उल्लेख किया कि किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि के लिए पूंजी निर्माण अत्यन्त आवश्यक है। अपने सम्बोध के अंत में उन्होंने कहा कि वित्त अर्थशास्त्र एवं पूंजी बाजार के क्षेत्र में दुनिया भर में बदलाव हो रहे है अतः भारतीय पूंजी बाजार को भी उस से तालमेल बनाए रखना होगा।

संगोष्ठी की शुरूआत डा. नायला रूश्दी, निदेशक आई.आई.एल.एम. एकेडमी आफ हायर लर्निंग, लखनऊ, मुख्य अतिथि अमरजीत सिंह कार्यकारी निदेशक, सेबी, विशिष्ठ अतिथि, आई.आई.एम., लखनऊ के पूर्व डीन एवं डायरेक्टर-इन-चार्ज प्रोफेसर सुब्रत चक्रवर्ती, अवोक इण्डिया फाउन्डेशन के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार द्विवेदी एवं कार्यशाला समन्वयक डा. मोहित कुमार की गरिमामय उपस्थिति में दीप प्रज्जवलन के साथ हुई।

इस अवसर पर कार्यशाला के समन्वयक डा. मोहित कुमार, प्रोफेसर आई.आई.एल.एम., लखनऊ एवं सुश्री सुप्रिया अग्रवाल, असिसटेन्ट प्रोफेसर आई.आई.एल.एम., लखनऊ भी उपस्थित थी।