नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार दिया है। इस बारे में शुक्रवार देर रात अधिसूचना जारी की गई। यह कानून 19 जनवरी से 18 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा।

दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत किसी भी शख्स को पुलिस कई महीनों तक हिरासत में रख सकती है, अगर उसे लगता है कि वह व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।

उपराज्यपाल द्वारा अधिसूचना के मुताबिक, उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 की धारा तीन की उपधारा (3) का इस्तेमाल करते हुए 19 जनवरी से 18 अप्रैल तक दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार दिया। यह अधिसूचना राज्यपाल की मंजूरी के बाद 10 जनवरी को जारी की गई थी।

यह फैसला ऐसे समय आया है जब राष्ट्रीय राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में स्थित विश्वविद्यालय परिसरों से हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिनमें प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय शामिल हैं। लाठी और डंडों से लैस नकाबपोश लोगों के एक समूह ने 5 जनवरी को जेएनयू कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। हालांकि, दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह नियमित आदेश है जो हर तीन महीने पर जारी किया जाता है और मौजूदा परिस्थितियों से इसका कोई लेना देना नहीं है।