लखनऊ: उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू अपने दो दिवसीय दौरे के तहत मिर्जापुर एवं सोनभद्र में रहे। कल 23 जनवरी को सबसे पहले मिर्जापुर में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदिवासी नेता मंगल बियार जी की जयन्ती पर उनके गांव कुसमहा में आयोजित कार्यक्रम शामिल होकर श्रद्धासुमन अर्पित किया और उनके द्वारा आजादी के दौरान किये गये योगदान को याद किया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सोनभद्र पहुंचकर रात्रि विश्राम उम्भा गांव में सोनभद्र के जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री रामराज गौड़ के निवास पर किया। गौरतलब है कि यह वही उम्भा गांव है जहां भूमाफियाओं द्वारा विगत 19 जुलाई 2019 को 11 आदिवासियों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गयी थी। जिस पर कांग्रेस महासचिव मृतकों के पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए सोनभद्र जा रही थीं लेकिन आदिवासी विरोधी योगी सरकार ने उन्हें वहां जाने से रोका और चुनार के किले में नजरबन्द कर दिया, जहां आदिवासी स्वयं आकर श्रीमती प्रियंका गांधी जी से मिले और श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उनके गांव अवश्य आयेंगी और उनकी लड़ाई लड़ेगी। श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने अपना वह वादा पूरा किया और उनके गांव पहुंचीं और पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और आर्थिक मदद भी की।

इसके उपरान्त प्रदेश अध्यक्ष ने तमाम आदिवासी परिवारों से मिले एवं उनकी समस्याएं सुनी। जिसमें आदिवासियों ने बताया कि आज भी 80 एकड़ जमीन उन्हीं भूमाफियाओं की समिति के कब्जे में है जिन्होने आदिवासियों की निर्मम हत्या की थी। प्रदेश सरकार ने 16 आदिवासी पीड़ित परिजनों को जमीन के पट्टे आवंटित की थी वह सपही गांव है जो भूमाफिया का गांव है। प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर से आदिवासियों के जीवन से खिलवाड़ करने में जुटी हुई है और उम्भा में हुए नरसंहार को पुनः दोहराना चाहती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सलखन में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी है। प्रदेश में जब-जब भाजपा की सरकार रही है, आदिवासियों के साथ जुल्म, ज्यादती होती रही है। इसके पहले भी मिर्जापुर में भवानीपुर गांव में एक दर्जन से अधिक आदिवासियों की हत्या हो चुकी है। उन्होने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भवानीपुर में तेरह साल के एक बच्चे को भी मारा गया था और यह पूरी घटना तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के इशारे पर हुई थी। इसका प्रमाण यह है कि तमाम मानवाधिकार कानूनों को ताक पर रखकर राजनाथ सिंह ने कहा था कि नक्सलवाद का किसी तरीके से भी सफाया होना चाहिए। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने निर्दोष आदिवासियों को मार डाला।

उन्होने कहा कि वनाधिकार कानून के तहत 65 हजार भूमिहीन आदिवासियों ने जमीन के पट्टे हेतु आवेदन किया था किन्तु केवल 4 हजार लोगों को ही पट्टा स्वीकृत किया गया। आदिवासियों पर अत्याचार का यह आलम है कि गरीब आदिवासी जंगलों में महुआ बीनने जाते हैं तो सरकार उन पर मुकदमा दर्ज कर देती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आदिवासियों के संरक्षण के लिए पूरी तरह गंभीर है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में वनाधिकार कानून बनाया गया जिसमें जंगल की जमीन पर पहला हक आदिवासियों को दिया गया किन्तु भाजपा की सरकार आदिवासियों के साथ धोखा कर रही है।

कनहर परियोजना हेतु आदिवासियों के 11 गांवों की जमीनों के किये गये अधिग्रहण पर आदिवासियों द्वारा वर्ष 2013 की सर्किल रेट के आधार पर मुआवजे की मांग का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि आदिवासियों के हक की लड़ाई कांग्रेस सड़क से सदन तक लड़ेगी।