लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बजट को निराश करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट कुछ मुट्ठीभर पूंजीपतियों को छोड़कर बाकी सभी को मायूस करने वाला है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट लोकसभा में पेश किया।

मायावती ने अपने बयान में कहा, 'इस बजट से देश की गरीब, ईमानदार और मेहनतकश जनता की दिन-प्रतिदिन की लगातार बढ़ती हुई समस्या का समाधान संभव नहीं है। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए पूछा, 'सरकारी सम्पत्तियों को बेचते रहने से देश का भला कैसे होगा?'

मायावती ने कहा, 'लोगों के पास न तो काम है, न ही मेहनतकश लोगों को उचित मेहनताना मिल पा रहा है और न ही बाजार में मांग है जिससे देश की पूरी अर्थव्यव्स्था चरमरा गई है। इसका समाधान इस बजट में ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है।'

बजट से भविष्य में जनता की समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ने की आशंका व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा, 'बजट में आयकर में थोड़ी राहत दी गई है लेकिन जटिल शर्तों के साथ। अगर यह छूट सरल और बिना शर्त होती तो बेहतर होता।'

बजट में 2.5 लाख रुपए तक की आय पहले की तरह कर मुक्त रखी गई है जबकि 2.5 से पांच लाख रुपए तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा। पांच से साढ़े सात लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत, साढ़े सात से 10 लाख रुपए तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12।5 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12।5 से 15 लाख रुपए तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव किया गया है। वहीं, 15 लाख रुपए से अधिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने का प्रस्ताव है।