हाईकोर्ट के आदेश पर संरक्षित वन क्षेत्र से ट्रेन के आवागमन पर लगी रोक

रमेश चंद्र गुप्ता

बहराइच: कतर्निया वन्य जीव प्रभाग के संरक्षित वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाली नानपारा-मैलानी मैलानी रूट पर 13 दशक पुरानी रेल सेवा को हाईकोर्ट के आदेश के बाद बंद किया जाना है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद रूट के सैकड़ों ग्राम वासियों में काफी रोष व्याप्त हो गया। रेल सेवा को न बंद होने देने के लिए ग्रामीणों ने रेल बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया है।

रेल बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक एंव पूर्व प्रमुख श्रवण कुमार मदेशिया ने रेल मंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया कि हाईकोर्ट के इस निर्णय के चलते आमजन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। उन्होने पत्र में कहा कि प्राइवेट बस यूनियन के प्रभाव में आकर रेलवे विभाग के कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में लचर पैरवी की। जिस कारण हाईकोर्ट ने नानपारा-मैलानी रूट की ट्रेनो के संचालन को बंद किये जाने का निर्णय दिया। श्री मदेशिया ने रेल मंत्री व सीएम को लिखे पत्र में नानपारा-मैलानी रूट पर चलने वाली ट्रेनों पर यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है।

उन्होने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बलहा व नानपारा की पांच लाख तथा लखीमपुर जिले की करीब छः लाख आबादी इस निर्णय से सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। इसके अतिरिक्त मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में पूर्वांचल से आए अधिकतर लोग बसे है जिनका आवागतन इस रूट की ट्रेनो द्वारा होता आया है। मिहीपुरवा क्षेत्र द्वारा रेल विभाग को 3 से 5 करोड़ तक की वार्षिक आय होती रही है। उन्होने बताया कि मिहींपुरवा क्षेत्र के मोदी अतिथि भवन में 8 फरवरी को रेल बचाओ संघर्ष समिति की ओर से जनसम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे मुख्य अतिथि सांसद अक्षयवर लाल गोंड की मौजूदगी एवं उनकी सलाह से नानपारा-मैलानी रूट की ट्रेनों का संचालन जारी रखने हेतु रणनीति बनायी जायेगी।