भारत की बहुराष्ट्रीय इंजीनियरिंग कांगलोमेरेट और निजी क्षेत्र की बड़ी रक्षा कम्पनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) तथा मिसाइल सिस्टम में विश्व की अग्रणी कम्पनी एमबीडीए के संयुक्त उद्यम एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स (एलटीएमएमएसएल) ने मिसाइल (इनर्ट’) इंटीग्रेशन फेसेलिटी स्थापित की है।घरेलू और वैश्विक बाजारों को ध्यान में रखते हुए एलटीएमएमएसएल ने मिसाइल सब सिस्टम और मिसाइल वेपन लाॅन्च सिस्टम के लिए एसेम्बली, इंटर्न इंटीग्रेशन (बिना विस्फोटक के) और टेस्टिंग फेसेलिटी स्थापित की है। यह कोयंबटूर के स्पेशल इकोनाॅमिक जोन (सेझ) में 16 हजार वर्ग मीटर में स्थापित की गई है जो तमिलनाडु डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर का हिस्सा है।एलटीएमएमएसएल 2017 में स्थापित हुई थी और इसके पास निर्यात के कुछ आर्डर आए थे। नई फेसेलिटी अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और परीक्षण उपकरण जैसे मिसाइल लाॅन्चर और एयरफ्रेम सैगमेंट साथ में कंट्रोल एक्टुएशन युनिट्स आदि की डिलीवरी चालू वर्ष 2020 से ही शुरू कर देगी।एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स के चेयरमैन जे. डी. पाटिल ने इस बारे में कहा, ‘‘एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स घरेलू उत्पादन के जरिए आधुनिक मिसाइल और मिसाइल सिस्टम्स भारतीय सेनाओं को दे रही है। कोयंबटूर में नई इंटीग्रेशन फेसेलिटी इस दिशा में पहला कदम है। हम लखनऊ में आयोजित होने जा रहे DEFEXPO20 में नई पीढ़ी की कुछ हथियार प्रणालियां प्रदर्शित करने जा रहे हैं।‘‘

एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स के बोर्ड मैम्बर और वाइस चेयरमैन पास्कल डी बार्टोलोमियो ने कहा, ‘‘कोयम्बटूर में इस फेसेलिटी का शुरू होना एलएंडटी एमबीडीए मिसाइल सिस्टम्स के संयुक्त उपक्रम और भारत के डिफेंस इंडस्ट्री सेक्टर के लिए बहुत बड़ा कदम है। यहां मौजूदा तकनीकी और मानव क्षमता के माध्यम से भारत अपनी रक्षा सेनाओं और विदेशी बाजार के लिए अत्याधुनिक रक्षा उपकरण तकनीक देेने में बहुत अच्छे ढंग से सक्षम हो सकेगा।‘‘

एलटीएमएमएसएल ने भारतीय नौसेना की शाॅर्टरेज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (एसआरएसएएम) एयर डिफेंस जरूरत को भी पूरा किया है। इससे आगे बढ़ते हुए एलटीएमएमएसएल अब एक्सोसैट एमएम 40 ब्लाॅक 3 एंटी शिप मिसाइल और पांचवी पीढ़ी की एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम5) भी भारतीय रक्षा सेनाओं को उपलब्ध करवा रही है।

एटीजीएम5 एमएमपी बैटलफील्ड टैंक रोधी हथियार की अगली पीढ़ी की तकनीक पर आधारित होगा। यह फ्रांस में पहले ही उपयोग किया जा रहा है। एटीजीएम5 पूरी तरह भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित उत्पाद होगा। इसके जरिए अहम तकनीक भारत आएगी।