नई दिल्ली: भारी कर्ज और घाटे के कारण संकट में घिरी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एक बार फिर सरकार से सामने अपना दुखड़ा रोया है। वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने बुधवार को कहा कि उसके भारत में संयुक्त उपक्रम वोडाफोन आइडिया का भविष्य अधर में लटक गया है। कंपनी ने कहा कि वह अपने अडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये का भुगतान किस तरह धीरे-धीरे करे, इसपर सरकार से राहत पाने के तरीके तलाश रही है।

वोडाफोन ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'वोडाफोन आइडिया लिमिटेड भारत सरकार से राहत पाने के विभिन्न तरीकों पर विचार कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि सरकार को भुगतान की जाने वाली रकम का रेट और स्तर उसके क्षमता के दायरे में हो।'

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वोडाफोन आइडिया को लाइसेंस फी, स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज, इंट्रेस्ट तथा पेनल्टी के रूप में 53,000 करोड़ रुपये का बकाया दूरसंचार विभाग को भुगतान करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में एजीआर की परिभाषा को बेहद व्यापक कर दिया है, जिसके कारण टेलिकॉम कंपनियों की नॉन कोर बिजनस से कमाई भी एजीआर के दायरे में आ गई है। इससे वोडाफोन आइडिया सहित 15 टेलिकॉम कंपनियों पर 1.47 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है।