नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भाजपा में हार के कारणों को लेकर लगातार मंथन का दौर जारी है। पार्टी की बैठक में सामने आया है कि पार्टी की हार के लिए पार्टी के लिए टिकट नहीं मिलने वाले नेताओं के अलावा कई नेताओं की दगाबाजी भी जिम्मेदार है।

बैठक में सामने आया कि टिकट नहीं मिलने के बाद कई नेताओं ने पार्टी के खिलाफ प्रचार किया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस तरह की रिपोर्ट है कि टिकट की चाह रखने वाले नेताओं ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी के खिलाफ प्रचार किया। इसमें ऐसे मामले में भी सामने आए हैं जिनमें नेता लोगों को रैली में लेकर तो आए लेकिन वोट दूसरी पार्टी को डालने को कहा। इस मामले में पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य इकाई के नेताओं व पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार इस तरह का फीडबैक है कि पार्टी ने आप सरकार की मुफ्त योजनाओं और शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून बिल के मुद्दे को ठीक तरीके से हैंडल नहीं कर पाई। वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल को ‘आतंकवादी’ कहने, देश के गद्दारों को, गोली मारो @#$ को… जैसे बयान से पार्टी को नुकसान हुआ।

उन्होंने बताया कि पार्टी का घोषणापत्र भी देरी से आया। मालूम हो कि पार्टी में पानी और बिजली को लेकर सब्सिडी, स्वास्थ्य, शिक्षा और ट्रांसपोर्ट सुविधा को लेकर कई योजनाएं पेश की गई थीं लेकिन उन्हें घोषणापत्र में शामिल नहीं किया जा सका। पार्टी नेता ने कहा कि घोषणापत्र में देरी के कारण कई प्रस्तावित पहल जैसे गरीब परिवारों की कॉलेज छात्राओं को स्कूटी और 2 रुपये किलो आटा, गरीबों तक पहुंच नहीं पाए।

उन्होंने कहा कि यह भी सामने आया कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में देरी हुई। इससे उन्हें प्रचार के लिए कम समय मिला।बैठक में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और अनिल जैन भी मौजूद थे।