नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार की जमकर आलोचना की। हालांकि, प्रशांत किशोरनीतीश कुमार को अपने पिता तुल्य बताते हुए कहा कि वह मुझे बेटे के जैसा मानते हैं लेकिन गांधी और गोडसे साथ नहीं रह सकते इसलिए हमने जदयू से अलग होना पसंद किया।

प्रशांत किशोर के इसी बयान पर JDU नेता अजय आलोक ने पलटवार किया है। अजय आलोक ने कहा कि मानसिक रूप से अस्थिर होने पर लोग इसी तरह की बात करते हैं।

अजय आलोक ने कहा कि प्रशांत किशोर एक तरफ नीतीश कुमार को पिता तुल्य बताते हैं और वहीं दूसरी तरफ उनकी आलोचना भी करते हैं। प्रशांत किशोर ने नीति आयोग द्वारा जारी आकड़ों का हवाला देते हुए नीतीश कुमार के 15 साल में बिहार में खूब विकास करने के दावे को झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि विकास तो हुआ लेकिन विकास की गति धीमी है। 2005 में जो बिहार की स्थिति थी, आज भी वही स्थिति है। प्रति व्यक्ति आय में बिहार 2005 में भी 22वें नंबर पर था, आज भी उसी नंबर पर है।

किशोर ने मीडिया के सामने अपनी बात को रखते हुए नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वह मेरे पिता के समान हैं और उन्होंने मुझे अपने बेटे की तरह माना है। इसके साथ ही प्रशांत ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए मेरे मन में सम्मान है लेकिन उन्हें किसी बाहरी आदमी का पिछलग्गू नहीं बनाना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2014 के नीतीश के लिए मेरे मन में ज्यादा सम्मान है। वो बिहार के 10 करोड़ लोगों के नेता हैं, इसलिए भी उन्हें किसी बाहरी शख्स का पिछलग्गू नहीं बनना चाहिए। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी के साथ मेरी चर्चा गांधीजी के विचारों को लेकर होती रही है। हम दोनों के बीच मतभेद रहा है कि गांधी और गोडसे साथ नहीं चल सकते।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को देश के सबसे अग्रणी 10 राज्यों में शामिल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर बेहतर लोगों को हिस्सा लेना होगा। पंचायत स्तर पर सुधार से ही देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी।