लखनऊ: संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के तत्वावधान में प्रदेश व्यापी पाॅच दिन के वर्क टू रूल के उपरान्त 17 फरवरी से लगातार कार्य बहिष्कार जारी है। आज कार्य बहिष्कार के दौरान आयोजित आमसभा में प्रबंधक निदेशक इं. यू.के.गहलोत को आन्दोलनकारियों ने रोका और निगम के समक्ष उत्पन्न समस्या पर विचार रखने को कहा। श्री गहलोत ने इस दौरान आन्दोलनकारियों से कहा कि इस सम्बंध में निगम प्रबंधन द्वारा सरकार और शासन के समक्ष अपना पक्ष पुरजोर तरीके से प्रस्तुत किया जा चुका हैै। सरकार और शासन द्वारा इस पर पुर्नविचार आश्वासन दिया गया है। निगम प्र्रबंधन द्वारा इस सम्बंध में माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष इस विषय को प्रस्तुत किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। इसी के साथ प्रबंध निदेशक ने यह भी आश्वासन दिया कि निर्माण कार्यो के क्षेत्र में उत्कृष्ट संस्था को बचाने हेतु समस्त हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। प्रबंध निदेशक होने के नाते मेरा यह कर्तव्य है कि मै अपने अधीनस्थ अधिकारियों एंव कर्मचारियों के हितों की रक्षा का हर सम्भव प्रयास करूॅगा।
संयोजक राज बहादुर सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार की तरह अगर राजकीय निर्माण निगम को ईपीसी मोड पर कार्यदायी संस्था नामित नही किया तो 24 फरवरी से अनिश्चितकालीन प्रान्त व्यापी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल 24 फरवरी तक आन्दोलन के क्रम में सुबह 10 से 12 बजे तक अल्पकालीन कार्यबहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने इस दौरान सरकार से प्रश्न किया कि 50 करोड़ से अधिक लागत वाले शासकीय भवनों का निर्माण मात्र लोक निर्माण विभाग के माध्यम से ईपीसी मोड पर कराये जाने हेतु जो नीति निर्धारित की गयी है उसका आधार क्या है ? जबकि लोक निर्माण विभाग का भवन निर्माण कार्यो में अनुभव लगभग नगण्य है। केन्द्र सरकार के आवास एवं शहरी मंत्रालय द्वारा एवं नीति आयोग द्वारा भवन निर्माण के कार्यो को ईपीसी मोड से कराये जाने के सम्बन्ध में केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग सहित भवन निर्माण में दक्ष दो अन्य कार्यदायी संस्थाओं (दिल्ली विकास प्राधिकरण तथा राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम ) कोे समान रूप से अधिकृत किया गया है। क्या सरकार केन्द्र सरकार की भंाति प्रदेश की अर्ह कार्यदायी संस्थाओं को भी कार्यदायी संस्था नामित करने पर विचार करेगी अथवा नही ? निगम मुख्यालय पर संघर्ष समिति के सह संयोजक इं.संदीप कुमार सिंह, इं. मिर्जा फिरोजशाह, उमाकान्त, जागेश्वर प्रसाद, इं. नरेन्द्र कुमार, मुकेश चन्द्र, रविराज सिंह,इं. एस.डी. द्विवेदी, ए.के. गोस्वामी, इसहाक अली, सुरेन्द्र कुमार और आशीष कुमार ने सरकार द्वारा जो व्यवस्था अचानक दो माह पूर्व की गई है इससे आने वाले समय में सरकारी परियोजनाओ ंकी लागत और समयावधि में बढ़ोत्तरी होना तय है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार की अति महात्वकांक्षी अटल आवासीय विद्यालय योजना पर भी इसका प्रतिकूल असल पड़ेगा। एक तो इसकी लागत में डेढ़ गुना वृद्धि का अनुमान है। तो दूसरी तरफ इसकी समयावाधि में बढ़ोत्तरी होगी। सभा के दौरान समिति के एस.पी. पाण्डेय, नान बच्चा तिवारी, शिवनन्दन प्रसाद वर्मा, राजेश कुमार चैहान, संतोष कुमार वर्मा, एस.पी. खण्डूरी, भजनलाल यादव, पी. एन. सिंह उपस्थिति थे।