नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल है। 130 से ज्यादा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें 50 फीसदी से ज्यादा लोग गोली लगने की वजह से घायल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में पुलिस और क्षेत्र के विधायकों के बीच समन्वय मजबूत करने और अफवाहों के प्रसार को रोकने का संकल्प लिया गया। बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने राजघाट का दौरा किया और शांति की अपील की।

जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को अस्पताल में डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत लाया घोषित किया। अधिकारियों ने बताया कि 35 घायल लोगों को भी अस्पताल लाया गया है। अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, ‘‘घायलों में से 50 प्रतिशत लोग गोली लगने से घायल हुए है।’’

अस्पताल अधिकारियों के अनुसार मृतकों में से एक की पहचान घोंडा निवासी विनोद कुमार (45) के रूप में हुई है जिसे जग प्रवेश चन्द्र अस्पताल मृत लाया गया था। उन्होंने बताया कि एक अन्य मृतक की पहचान मोहम्मद फुरकान के रूप में हुई है। अन्य मृतकों की पहचान अभी नहीं हो सकी है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई सांप्रदायिक झड़प के एक दिन बाद मंगलवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई और आगजनी के बाद धुएं का गुबार कई जगह से उठता देखा गया। सड़कों पर भीड़ बिना किसी रोक-टोक के नजर आई। भीड़ में शामिल लोग पत्थर बरसा रहे थे, दुकानों में तोड़फोड़ कर रहे थे और स्थानीय लोगों को धमका रहे थे। बीते दो दिनों में हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं।

शहर के उत्तरपूर्वी इलाके में बढ़ते तनाव के बीच दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकलगाड़ियों में तोड़फोड़ की और मौजपुर में भड़काऊ नारेबाजी के दौरान एक बाइक को भी आग के हवाले कर दिया। सड़कों पर जगह-जगह पड़े ईंट-पत्थर और जले हुए टायर यहां हुई हिंसा की गवाही दे रहे थे जिसने सोमवार को सांप्रदायिक रंग ले लिया और इस दौरान 48 पुलिसकर्मियों समेत करीब 150 लोग घायल हो गए।