नई दिल्ली: उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, 200 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। बुधवार सुबह चार और लोगों की मौत होने का सूचना सामने आई है, जिसके बाद मृतकों की संख्या 20 हो गई है। दरअसल, बीते दिन मंगलवार को उत्तरपूर्वी दिल्ली में नए सिरे से हिंसा भड़की थी, जिसमें जमकर पत्थरबाजी, आगजनी और गोलियां चलाई गईं।

गुरु तेग बहादुर अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया है कि हिंसा में घायल चार और लोगों को मौत हो गई है। अब मौतों का आंकड़ा 20 पहुंच गया है।

बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में हिंसा फैली थी। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगाई गई। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी।

पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इन दंगाइयों ने अपने हाथों में हथियार, पत्थर, रॉड और तलवारें भी ली हुई थीं। कई ने हेलमेट पहन रखे थे। पुलिस को अर्धसैनिक कर्मी सहयोग कर रहे थे। सड़कों पर क्षतिग्रस्त वाहन, ईंट और जले हुए टायर पड़े थे जो सोमवार को हुई हिंसा की गवाही दे रहे थे जिसमें 48 पुलिसकर्मियों सहित लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और भजनपुरा, खजूरी खास और अन्य स्थानों पर फ्लैग मार्च किए गए। इलाकों भारी सुरक्षाबलों की तैनाती है। मौजपुर, जाफराबाद, करावल नगर, चांदबाग में कर्फ्यू लागू है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कई अन्य इलाकों में धारा 144 लागू है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली पुलिस प्रमुख अमूल्य पटनायक और अन्य के साथ बैठक की। बैठक में यह तय हुआ कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को शांति बहाली के लिए हाथ मिलाना चाहिए और सभी क्षेत्रों में शांति कमेटियों को फिर से सक्रिय किया जाना चाहिए।