नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में हो रही हिंसा को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए पुलिस को दोपहर साढ़े बारह बजे तक जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काने में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा है। इसके अलावा वकील फजल अब्दाली और नबीला हसन की याचिका में भाजपा नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा तथा अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

इससे पहले हाई कोर्ट ने आधी रात सुनवाई के बाद पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में घायल हुए लोगों के सुरक्षित निकास और उनका तत्काल उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर के आवास पर उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें घायलों को पर्याप्त सुविधाओं वाले चिकित्सीय संस्थानों तक सुरक्षित ले जाने की व्यवस्था की मांग की गई थी।न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की पीठ ने पुलिस को इस व्यवस्था के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने का निर्देश भी दिया। पीठ ने अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें घायलों और उन्हें दिए गए उपचार के बारे में जानकारी हो।मामले पर आगे की सुनवाई आज बुधवार(26 फरवरी,2020) को होनी है।

पीठ ने कहा कि दिल्ली के गुरु तेग बहादुर और लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को भी इस आदेश की जानकारी दी जाए।गौरतलब है कि दिल्ली के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया।इन घटनाओं में में 20 लोगों की जान चली गई और करीब 250 लोग घायल हो गए।