चीन के बाद अब भारत में भी जानलेवा कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। केरल और पश्चिम बंगाल के बाद अब तेलंगाना, दिल्ली, नोएडा और उत्तर प्रदेश के आगरा से इस वायरस के संक्रमित होने के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

सरकार लगातार एहतियात के मद्देनजर एडवाइजरी जारी कर रही है और प्रभावशाली कदम भी उठाए जा रहे है। लेकिन, ऐसे में हर किसी आम और खास के लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर इस परिस्थिति में किस तरह के लक्षण दिखाई देने पर हमें तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। साथ ही, स्वयं किस तरह के प्रभावी कदम उठाने से इस वायरस के प्रकोप से बचा जा सकता है। इसके अलावा यह भी सवाल उठता है कि क्या करें और क्या न करें, जिससे की इस वायरस के प्रकोप से बचा जा सके। हालांकि, डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि अभी तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बन पाया है।

लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, बुखार, खांसी, और सांस लेने में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं। कोरोना वायरस यानि (सीओवी) के लक्षण जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से पनपा यह वायरस दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। इसके संक्रमण के होते ही बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है।

उपाय

स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है। मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी में इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। एडवाइजरी के मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना, अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करना, खांसते और छीकते समय नाक और मुंह पर रूमाल या टिश्यू-पेपर से ढ़क कर रखना, बिना हाथ धोए अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छूएं आदी शामिल है।

आगे विभाग की तरफ से कहा गया है कि जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण महसुस हो, उनसे दूरी बनाकर रखें। साथ ही अंडे और मांस जैसे नॉन-वेज के सेवन से भी बचने की सलाह दी गई है। जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचने की बात कही गई है।

हवा में मौजूद छोटे-छोटे कणों से बचने के लिए फेस्क मास्क का इस्तेमाल करें। इससे शरीर के भीतर जाने वाले कणों को प्रभावी तरीके से रोक जा सकता है। 3एमएम का फेस मास्क हवा में मौजूद 95 फीसदी कणों को फिल्टर करता है।

बता दें कि चीन में कोरोना वायरस से 42 लोगों की मौत के साथ ही दुनिया भर में इससे मरने वालों की संख्या 3 हजार से ज्यादा हो गई है। वहीं, इस वायरस की वजह से 79,824 मरीज प्रभावित हैं। सबसे अधिक मौत चीन के बाद ईरान में हुई है।