देवा शरीफ (बाराबंकी): यूपी के बाराबंकी जिले में एक स्थान देवाशरीफ हैं जहाँ सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह है| यह वह स्थान है जहाँ हिन्दू और मुसलमान पूरी आस्था से शीश नवाते हैं, मन्नतें मांगते हैं| इस पवित्र भूमि पर होली के दिन कौमी एकता की शानदार मिसाल नज़र आती है। हिन्दुओं के साथ मुस्लमान भी साथ में होली खेलते हैं और राष्ट्रीय एकता का सन्देश देते हैं|

आज एक बार फिर फिर हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर वही नज़ारा दिखा| हर धर्म और सम्प्रदाय के लोगों ने जमकर होली खेली, एक दूसरे को रंग लगाया और गले लगकर एक दूसरे को बधाइयाँ दीं|

हाजी साहब के अनुयायियों में बड़ी संख्या हिन्दुओं की है, राम और रब को एक मानने वाले हाजी साहब ने अपने समय में ही यह परम्परा डाली थी और डेढ़ सौ साल से अधिक पुरानी यह परम्परा देवा शरीफ में आज भी बरक़रार है। हाजी साहब स्वयं अपने अनुयायियों के साथ अबीर और गुलाल से होली खेलते थे।

आज सुबह श्रद्धालु हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर पहुंचे और दर्शन करने के बाद अबीर गुलाल उड़ाते हुए गले मिल एक दूसरे को बधाई दी। विभिन्न रंगों में रंगे लोग आज यहाँ हिन्दू और मुसलमान नहीं इंसान नज़र आ रहे थे ।