लखनऊ : भीषण ओलावृष्टि और वर्षा से पूरे तौर पर बर्बाद हो चुके किसानों के लिए टोल फ्री नम्बर जारी करना और उसमें यह शर्त रखना कि जो किसान 72 घण्टे में अपने नुकसान की सूचना इस नम्बर पर देगा उसे ही मुआवजा दिया जायेगा, किसानों के साथ भद्दा मजाक है। यह प्रतिक्रिया आज मजदूर किसान मंच के अध्यक्ष एस आर दारापुरी ने व्यक्त की है । उन्होंने ने बताया कि कल मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने सोनभद्र जिले के करहिया, सिसंवा, झापर, आरंगपानी आदि विभिन्न गांवों में तबाह हुए किसानों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि तहसील प्रशासन को दुध्दी तहसील में भीषण ओलावृषि्ट और वर्षा के कारण तबाह हुए कुछ किसानों की सूची सौंपकर तत्काल राजस्व कर्मियों के माध्यम से सत्यापन करा कर मुआवजा देने की मांग की थी और इस सम्बन्ध में तहसीलदार दुध्दी से फोन पर बात भी की थी। लेकिन आज तक बर्बाद हुए किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया गया। उलटे सरकार ने टोल फ्री नम्बर जारी कर किसानों को ही शिकायत करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने आगे कहा है कि दुध्दी तहसील का ग्रामीण अचंल जहां 72 प्रतिशत लोग निरक्षर है वहां टोल फ्री नम्बर की व्यवस्था किसानों के साथ भद्दा मजाक है। उन्होंने कहा कि दुध्दी में जिस तरह किसानों की फसल की बर्बादी हुई है वह आने वाले दिनों में बडे पैमाने पर भुखमरी पैदा करेगा. इसलिए सरकार को तत्काल मुआवजा तो देना ही चाहिए साथ ही लोगों की जिंदगी बचाने के लिए वनाधिकार कानून में दावा की जमीन पर हुई फसल की बर्बादी का भी मुआवजा देने, मनरेगा में बडे पैमाने पर रोजगार देने, बकाया मजदूरी का अविलंब भुगतान करने व सभी पात्र गृहस्थी परिवारों को 50 किलो गेंहू, चावल, दाल, सरसों का तेल व नमक आदि का वितरण भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मजदूर किसान मंच की ग्राम स्तरीय इकाईयां किसानों के लिए राहत अभियान चलाएंगी और मैं जल्दी ही उस क्षेत्र की यात्रा भी शुरू करूँगा । राहत अभियान में पीड़ित किसानों की सूची बनाकर प्रशासन को दी जायेगी और 26 मार्च को राबर्ट्सगंज में आयोजित लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन में भी किसानों की जिंदगी की रक्षा के सवाल को उठाया जायेगा।