नई दिल्ली: तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच बुधवार को मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को 2 रुपये प्रति किलो के दाम गेहूं मिलेगा। उन्होंने कहा कि तीन महीने का राशन एडवांस दिया जाएगा। इसके साथ ही जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखें। किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और हेल्थ मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर सारी जानकारी लेते रहें।

उधर, केंद्र ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू सार्वजनिक पाबंदियों के दौरान खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के काम काज को बंद न कराने की सलाह दी है और इनकी आपूर्ति निरंतर बनाये रखने को कहा है। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को लिखे पत्र में उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी)के सचिव गुरूप्रसाद महापात्र ने खुदरा दुकानों, दवा दुकानों, विनिर्माण इकाइयों के कर्मचारियों और परिचालकों को अपनी इकाइयों तक जाने की अनुमति देने को कहा है।

सचिव ने 23 मार्च के पत्र में कहा है, ‘‘कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिये कई राज्यों में लॉकडाउन किया गया है। कई अन्य एहतियाती कदम उठाये गये हैं। इसको देखते हुए डीपीआईआईटी की तरफ से राज्य प्राधिकरणों को निर्देश दिया जाता है कि वे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बाधित या उसे बंद नहीं करें क्योंकि वे खाने-पीने का सामान तैयार करते हैं। साथ ही बिना किसी बाधा के देश के नागरिकों के लिये इन सामानों की आपूर्ति बनाये रखे।’’

सचिव ने कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों को साफ-सफाई के कड़े मानदंडों के साथ अपने विनिर्माण संयंत्र खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। धारा 144 या निषेधाज्ञा से छूट वाली इकाइयों में इन्हें भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिये कच्चा माल ले जाने वाले वाहनों को भी आने-जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। पत्र में सभी खुदरा, किराना, थोक दुकानें और दवा की दुकानों को भी खोलने की अनुमति देने को कहा गया है ताकि आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हो और लोग अफरातफरी में खरीदारी नहीं करे।