लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कोरोना आपदा के मद्देनजर बंदियों की रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य स्तर पर गठित तीन सदस्यीय समिति के सदस्य व अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को पत्र लिख कर लखनऊ जेल में बंद आइसा नेता समेत राजनीतिक बंदियों को अविलंब रिहा करने की मांग की है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बताया कि सात साल तक की सजा वाले अपराधों में बंद कैदियों को शीर्ष न्यायालय ने हाल ही में पैरोल या जमानत पर छोड़ने के निर्देश राज्य सरकारों को दिये हैं, ताकि जेलों में भीड़भाड़ कम करके कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसी क्रम में पार्टी ने गृह सचिव को आज पत्र भेज कर आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष नितिन राज, युवा कार्यकर्ता अश्विनी यादव समेत उन सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की है, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय की गई श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने बताया कि नितिन को घण्टाघर (चौक) में महिलाओं के धरने को समर्थन देने के कारण धरनास्थल से बीते 15 मार्च को ठाकुरगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उसी प्रकार, अश्विनी यादव सहित युवा कार्यकर्ताओं को हजरतगंज पुलिस द्वारा उसी दिन उठाया गया था।